*......बदलेमें अगर तुमने दिया है गम ही
कबूल है खता हमारी होगी...
तुमने अगर देखके अनदेखा किया
शायद रोशनीही तब बहुत कम होगी I
*......माँगने आए थे हम
साथ
में ली थी बड़ी सी झोली...
मोह, माया, अहंकार गया
जब
तुमने ये बंद आँखे खोली I
तकदीर की लक़ीरोंसे लड़ रहा है
शांती के समंदर में भी उसे आराम नहीं
I
...भावना