Wednesday, 4 February 2015

डायरी त ली शायरी ......१


*......तुमने नजरे जो फेरी थी, समझा लेता दिलको

    वो नासमझ तो अड़ा है जहा तूने रुमाल छोड़ा...

    गुस्सा होता हु, कहता हु 'तू अभी मानले'

    दिल न माने कहे 'कर इंतजार थोड़ा' I

 

*......ये जो टुकड़े है बिखरे, है मेरे दिलके

    आ इसे जोड़दे, के एहसान होगा...

    ये तेरे ही तो पेहेचानवाले  है

    तो तुझे ये बहुतही आसान होगा I
...भावना